वॉशिंगटन:
दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) का मुद्दा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब चर्चा में है. दरअसल दिल्ली में 25 फरवरी को हिंसा अपने चरम पर थी और दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स यानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) उस दिन दिल्ली में ही थे. मीडिया से मुखातिब होते हुए ट्रंप से जब दिल्ली हिंसा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे भारत का आंतरिक मामला बताते हुए टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था. जिसके बाद अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के प्रबल दावेदार और अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स (Bernie Sanders) ने ट्रंप के बयान की आलोचना की.
बर्नी सैंडर्स ने ट्वीट किया, '20 करोड़ से ज्यादा मुसलमान भारत को अपना घर कहते हैं. व्यापक स्तर पर हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा में कम से कम 27 मारे गए और कई घायल हुए. ट्रंप ने जवाब दिया, "यह भारत पर निर्भर है." यह मानव अधिकारों पर नेतृत्व की विफलता है.'
बताते चलें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है. 200 से ज्यादा घायल अस्पतालों में भर्ती हैं. 10 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफसर अंकित शर्मा की भी मौत हो गई. अंकित शर्मा का शव बुधवार को एक नाले से बरामद किया गया. वह 25 फरवरी से ही लापता थे. उनके शरीर पर गोली के निशान पाए गए. अंकित के परिवार ने AAP पार्षद ताहिर हुसैन पर हत्या का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस ने 18 FIR दर्ज कर 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है