भारत की दूसरी स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन आईएनएस खंडेरी शनिवार नौसेना में शामिल हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की मौजूदगी में मुंबई डॉकयार्ड पर ड्रायडॉक का भी उद्घाटन किया गया। इस मौके पर राजनाथ ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विकास के लिए हम जो कदम उठा रहे हैं, उन्हें वैश्विक समर्थन मिल रहा है। लेकिन पाकिस्तान इस पर हर किसी (देश) के दरवाजे पर जाकर कार्टून बनाने वालों के बीच मजाक का मुद्दा बना है।
इसलिए रखा गया खंडेरी नाम
खंडेरी का नाम महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के खंडेरी दुर्ग के नाम पर रखा गया है. इस दुर्ग या किले की खासियत यह थी कि यह एक जल दुर्ग था मतलब चारों और पानी से घिरा हुआ इसलिए दुश्मन के लिए अभेद्य था.
12 हजार किमी जाने में सक्षम
INS खंडेरी समंदर में पूरे 45 दिन तक रहकर 12 हजार किमी जाने में सक्षम है. इससे पहले कलवरी स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी थी. इसके बाद INS खंडेरी के निर्माण की कार्य शुरू हुआ था. भारतीय नौसेना पिछले कुछ सालों से INS कलवरी का इस्तेमाल कर रही है. INS खंडेरी उसी की अगली पीढ़ी की ताकतवर और अत्याधुनिक पनडुब्बी है.
बगैर आवाज किए चलती है ये पनडुब्बी
INS खंडेरी की लंबाई लगभग 67.5 मीटर है. इसकी चौड़ाई 12.3 मीटर है. ये समुद्र में 350 मीटर की गहराई तक गोता लगाने सक्षम है. साथ ही ये पानी के अंदर बिल्कुल खामोश रहती है. समंदर की सतह के ऊपर से देखने पर किसी तरह की हलचल का पता लगा पाना कठिन है. INS खंडेरी अपने बेस से 12 हजार किमी की दूरी तक गहरे समुद्र में दौड़ लगा सकता है.
इसकी रफ्तार है इसकी ताकत
खंडेरी समंदर के भीतर पानी में करीब 20 समुद्री मील और पानी के ऊपर करीब 11 मील की रफ्तार से चलने की क्षमता से लैस है. INS खंडेरी में कुल 360 बैटरियां हैं. इसमें से हर बैटरी का वजन 750 किग्रा है. इसमें स्थित परमानेंटली मैग्नेटाइज्ड प्रोपलसन मोटर की वजह से पनडुब्बी समंदर में एकदम शांत रहती है.