These 3 scientists from UK and US got Nobel Prize for Medicine

नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार से शुरू हो गई है। चिकित्सा के क्षेत्र में इस साल तीन वैज्ञानिकों को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने के लिए चुना गया है। इम वैज्ञानिकों के नाम विलियम जी केलिन, सर पीटर जे रैटक्लिफ और ग्रेग एल सेमेन्जा हैं। इन्होंने इस चीज की खोज की थी कि कैसे सेल्स ऑक्सीजन को जलाते हैं ताकि शरीर को ऊर्जा मिल सके और नई कोशिकाओं को बनने में मदद मिले। 


पुरस्कार की घोषणा करते हुए जूरी ने बताया कि इन वैज्ञानिकों ने यह स्थापित किया कि ऑक्सीजन का स्तर किस तरह से हमारे सेलुलर मेटाबोलिज्म और शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करता है। जूरी ने कहा कि इन वैज्ञानिकों की खोज ने एनीमिया, कैंसर और अन्य बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में नई रणनीति बनाने का रास्ता साफ किया है। 


स्वीडिश अकादमी 2018 और 2019 दोनों ही वर्षों के लिए साहित्य नोबेल पुरस्कारों का ऐलान करेगी। पिछले साल उभरे यौन उत्पीड़न के मामले की वजह से 2018 के साहित्य नोबेल की घोषणा को अकादमी ने स्थगित कर दिया था।



ये है नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का कार्यक्रम
सोमवार, 7 अक्टूबर — चिकित्सा 
मंगलवार, 8 अक्टूबर — भौतिकी    
बुधवार, 9 अक्टूबर — रसायन शास्त्र    
गुरूवार, 10 अक्टूबर — साहित्य    
शुक्रवार, 11 अक्टूबर — शांति    
सोमवार, 14 अक्टूबर — अर्थशास्त्र    


नोबेल पुरस्कार में पदक, प्रशस्ति संग मिलते हैं साढ़े चार करोड़ रुपये
नोबेल पुरस्कार के हर विजेता को करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की राशि दी जाती है। इसके साथ 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। पदक के एक ओर नोबेल पुरस्कार के जनक अल्फ्रेड नोबेल की छवि, उनके जन्म तथा मृत्यु की तारीख लिखी होती है। पदक की दूसरी तरफ यूनानी देवी आइसिस का चित्र, रॉयल एकेडमी ऑफ साइंस स्टॉकहोम तथा पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति की जानकारी होती है।



चिकित्सा के क्षेत्र में 216 को मिला पुरस्कार, जिनमें 12 महिलाएं 
मालूम हो कि 1901 से 2018 के बीच चिकित्सा के क्षेत्र में 109 नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं। कुल 216 विजेताओं में 12 महिलाओं के नाम शामिल हैं, जिनमें से दो महिलाओं को साल 2009 में एक साथ पुरस्कृत किया गया। इंसुलिन की खोज करनेवाले फ्रेडरिक जी. बैंटिंग ने साल 1923 में महज 32 साल की उम्र में यह पुरस्कार प्राप्त किया था। चिकित्सा के क्षेत्र में वह अबतक के सबसे युवा नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। वहीं, पेटोन राउस (87) सबसे उम्रदराज नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें ट्यूमर इंड्यूसिंग वायरस की खोज के लिए 1966 में यह पुरस्कार दिया गया था।