Conrad Sangma Biography in Hindi

कॉनराड संगमा का जन्म 27 जनवरी, 1978 को मेघालय के पश्चिमी गारो हिल्स जिले के तुरा इलाके में हुआ था। कोनराड संगमा ने अपनी शुरुआती शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलम्बस स्कूल में की। इसके बाद आगे की पढाई के लिए वे विदेश चले गए। उन्होंने ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी और अमेरिका की पेनसायवेनिया यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने इंटरप्रेन्यूरियल मैनेजमेंट में बी.बी.ए और फायनेंस में एम.बी.ए की पढाई की है। कॉनराड संगमा, मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रह चुके पी ए संगमा के सबसे छोटे बेटे हैं। पीए संगमा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। बाद में वे कांग्रेस से अलग होकर नवगठित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में चले गए थे। इनकी माता का नाम सोरादिनी संगमा है। कॉनराड ने मेहताब संगमा से विवाह किया है। कॉनराड की बहन अगाथा संगमा भी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। अगाथा 2009 में मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल की सबसे युवा मंत्री बनी थीं। कोनराड के बड़े भाई जेम्स संगमा भी राजनीति में हैं, वे मेघालय विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं
कोनराड संगमा के पिता P. A. Sangma के बारे में…



1977 में, 30 वर्ष की अवस्था में P. A. Sangma कांग्रेस के टिकट पर पहली बार तुरा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। पीए संगमा तुरा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। कांग्रेस में रहते हुए 1984 में वह राजीव गांधी सरकार में राज्य मंत्री बने थे। बाद में नरसिंह राव की मंत्रिमंडल में श्रम मंत्री रहे।


वह 1988 से 1990 तक मेघालय के मुख्यमंत्री रहे थे और 1990 से 1991 तक विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे। 11 वीं लोकसभा में जब पहली बार अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तो संख्या बल की कमी के कारण कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में P. A. Sangma को लोकसभा अध्यक्ष का पद देना पड़ा था। वे पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने वाले लोकसभा के पहले अध्यक्ष बने थे।


1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे के खिलाफ जब कांग्रेस में विद्रोह हुआ तो P. A. Sangma शरद पवार और तारिक अनवर के साथ पार्टी के तीन प्रमुख विद्रोही नेताओं में शामिल थे। आखिरकार P. A. Sangma ने, शरद पवार और तारिक अनवर के साथ मिलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया।



2012 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रणब मुखर्जी के खिलाफ भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार बने तो राकांपा से उन्हें निष्कासित कर दिया गया। कुछ समय बाद वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
कॉनराड संगमा का परिवार
इनके परिवार का नाता लंबे समय से राजनीति से रहा है और इनके पिता साल 1988 में मेघायल के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए थे. इतना ही नहीं इनके पिता लोकसभा के स्पीकर भी रहे चुके हैं. वहीं इनके भाई जेम्स संगमा और इनकी बहन अगाथा संगमा का नाता भी राजनीति से है. कॉनराड संगमा की पत्नी का नाम मेहताब संगमा है और इनकी एक पुत्री भी है.


कॉनराड संगमा का राजनीति करियर (Conrad Sangma Political career) –


इन्होंने अपना राजनीति करियर राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी का सदस्य बनकर शुरू किया था. इस पार्टी की ओर से संगमा ने पहली बार 2008 में चुनाव लड़ा था. वहीं इन्होंने मेघालय विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाई है.


कॉनराड संगमा से जुड़ी अन्य बातें-


महज 30 साल में बनें थे राज्य वित्त मंत्री


साल 2008 में संगमा को उनकी पार्टी की और से मेघालय राज्य के वित्त मंत्री का पद दिया गया था. वहीं जब इनको ये पद दिया गया था तो इनकी आयु केवल 30 साल की थी और इसी के साथ ये सबसे कम आयु में इस पद को संभालने वाले व्यक्ति बन गए थे.


मेघालय क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष


संगमा को खेल काफी पसंद हैं और इसी वजह से ये हमेशा से खेल खेलने के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं. इस वक्त संगमा, मेघालय क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर रहे हैं. इतना ही नहीं इनके पिता पूर्णो अजीतोक संगमा के नाम से बने फाउंडेशन का कार्य भी यही देख रहे हैं.


मेघालय के मुख्यमन्त्री
मेघालय विधानसभा चुनाव, 2018 में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिल सका। 59 में से 21 सीटें जीतकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसके बाद संगमा की नेशनल पीपल्स पार्टी ने 19 सीटें जीती। भारतीय जनता पार्टी के 2, यूनाईटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के 6, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के 4, हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के 2 तथा एक निर्दलीय विधायक के समर्थन के कारण मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने संगमा के दल को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया। इसके पश्चात 6 मार्च 2018 को उन्हें मुख्यमन्त्री पद की शपथ दिलायी गयी।