Maharashtra: Devendra Fadnavis resigns

देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। फडणवीस और राज्य के अन्य मंत्रियों ने राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार न बनना जनादेश का अपमान है।
 


इस्तीफा देने के बाद फडणवीस मीडिया से भी रूबरू हुए और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र की जनता का आभार व्यक्त करते हैं। फडणवीस ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में हमने जनता के विकास के लिए काफी काम किए। इसी काम के दम पर जनता ने फिर से एनडीए को चुना है। उन्होंने शिवसेना और उद्धव ठाकरे का भी आभार जताया।


फडणवीस ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में हमने जनता के विकास के लिए काफी काम किए। इसी काम के दम पर जनता ने फिर से एनडीए को चुना है। शिवसेना के साथ 50-50 फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पर को लेकर ऐसी कोई बात नहीं हुई थी। महाराष्ट्र में जारी गतिरोध के लिए फडणवीस ने शिवसेना को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को कोई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। हमने नहीं बल्कि शिवसेना ने चर्चा से इनकार किया है। 


मीडिया में बयान देने से सरकार नहीं बनती : 
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना लगातार मीडिया में बयान दे रही है, लेकिन सिर्फ बयानबाजी से सरकार नहीं बनती। फडणवीस ने कहा कि दुर्भाग्यवश जब परिणाम आया, तब उद्धव जी ने कहा था कि सरकार बनाने के सभी विकल्प खुले हुए हैं। मगर बाद में उनका फैसला हमारे लिए चौंकाने वाला था। जनता ने हमारे गठबंधन को बहुमत दिया था।


महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा-शिवसेना के बीच जारी रार थमने का नाम नहीं ले रहा। शिवसेना जहां 50-50 फार्मूले के तहत सरकार गठन को लेकर अडिग है वहीं भाजपा किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री पद छोड़ना नहीं चाहती। अब राज्य का राजनैतिक भविष्य तय करने में एनसीपी बड़ी भूमिका निभा सकती है। अबतक का अपडेट- 


शरद पवार से मिलने पहुंचे राउत 


मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने पहुंचे शिवसेना नेता संजय राउत।


शिवसेना ने बदला विधायकों का ठिकाना
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद विधायकों को रंगशारदा होटल से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। शिवसेना को आशंका है कि उनके विधायकों में फूट डाला जा सकता है। इसलिए वह उन्हें महफूज ठिकाने पर लेकर जा रही है।


सरकार गठन पर गडकरी का बड़ा बयान
मुंबई पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवसेना के आरोपों पर कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त का कोई सवाल ही नहीं है। अगर भाजपा और शिवसेना के बीच मध्यस्थता की जरूरत पड़ती है तो वह मैं कर सकता है। हालांकि इस दौरान गडकरी ने ढाई-ढाई साल सीएम वाली बात से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। अपनी बात को दोहराते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में संघ की कोई भूमिका नहीं है।


विधायकों को 25 से 50 करोड़ रुपये देने की हो रही पेशकश: कांग्रेस


कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में पार्टी बदलने के लिए विधायकों को 25 करोड़ रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये तक देने की पेशकश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस विधायकों को भी इस तरह के प्रस्तावों के साथ फोन पर संपर्क किया गया है। निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि शिवसेना ने दावा किया है कि उनके एक विधायक को पार्टी बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। वहीं भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि वह दूसरी पार्टी के विधायकों को लुभाने के प्रयास कर रही है।


महाराष्ट्र में विधायकों को प्रलोभन देने के आरोपों को भाजपा ने नकारा
महाराष्ट्र में भाजपा ने इन आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया कि वह विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी है और उन्हें अपने खेमे में शामिल करने के लिए धन का प्रलोभन दे रही है।प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि यह हमारी पार्टी की संस्कृति का हिस्सा नहीं है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में विधायकों को दलबदल कराने के लिए 25 से 50 करोड़ रुपये तक की पेशकश की जा रही है। इस बारे में जब पूछा गया तो उपाध्ये ने कहा कि भाजपा के विधायकों को प्रलोभन देने का सवाल ही नहीं उठता। यह हमारी संस्कृति नहीं है।


भाजपा महाराष्ट्र को राष्ट्रपति शासन की दिशा में ले जा रही : एनसीपी


वहीं एनसीपी ने आरोप लगाया है कि भाजपा राज्य को राष्ट्रपति शासन की दिशा में ले जा रही है और इस राज्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के जरिए चलाना चाहती है। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता राज्य के इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि राज्य ने कभी भी दिल्ली के तख्त के आगे घुटने नहीं टेके। मलिक ने ट्वीट किया, 'भाजपा महाराष्ट्र को दिल्ली से मोदी और शाह के जरिए चलाना चाहती है, इसीलिए वह राज्य को राष्ट्रपति शासन लगाने की दिशा में ले जा रही है। लोग महाराष्ट्र का यह अपमान सहन नहीं करेंगे।'


मुख्यमंत्री पद पर अड़ी शिवसेना
शिवसेना महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने की अपनी मांग पर शुक्रवार को भी अड़ी रही और उसने भाजपा से राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए कार्यवाहक सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करने को कहा। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा को शिवसेना के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो।


शिवसेना प्रवक्ता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल (नौ नवंबर को) समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को कार्यवाहक प्रावधान को नहीं खींचना और पर्दे के पीछे से काम नहीं करना चाहिए। हमें बुरा नहीं लगेगा अगर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश करती है और सरकार बनाती है।


केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी के मुंबई दौरे और सरकार गठन पर जारी गतिरोध को तोड़ने के लिए 'मातोश्री' (ठाकरे परिवार का आवास) जाने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि गडकरी मुंबई के निवासी हैं। उनका यहां आना कोई बड़ी बात नहीं है। वह अपने घर जाएंगे। क्या उन्होंने आपको बताया कि वह शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने के संबंध में पत्र ला रहे हैं?