Maneka Gandhi Biography in Hindi

मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त 1956 को आर्मी में अधिकारी लेफ्टनंत कर्नल तारलोचनसिंह आनंद और अम्तेश्वर आनंद के घर पर दिल्ली (भारत) में हुआ। मेनका गांधी एक मशहूर भारतीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता है।


उन्होंने लॉरेंस स्कूल में पढाई पूरी की और बाद में लेडी श्री राम कॉलेज में दाखिला लिया। उसके बाद ही उन्होंने दिल्ली के जवाहलाल नेहरु यूनिवर्सिटी से जर्मन भाषा की पढाई की।



मेनका गांधी की संजय गांधी से पहली बार मुलाकात उनके चाचा के यहाँ एक पार्टी में हुई। संजय गांधी से उनकी मुलाकात 17 साल की उम्र में हुई थी। मेनका पेशे से मॉडल थी, बॉम्बे डाइंग के लिए मेनका ने एक ऐड किया था। पहली बार जब संजय ने उन्हें देखा तो वो उन्हें दिल दे बैठे। संजय और मेनका ने पहली मुलाकात के एक साल के अंदर ही शादी कर ली। दोनों की शादी 26 अगस्त, 1974 को हुई थी। कहा जाता है कि उस दौर में संजय और मेनका की जोड़ी मीडिया में सुर्खियां बनी रहती थीं। मेनका अक्सर संजय के साथ राजनीतिक दौरे पर जाया करती थीं। कांग्रेस को और मजबूती देने के लिए मेनका ने एक पत्रिका सूर्या का प्रकाशन भी शुरू किया था।मेनका और संजय गांधी की खुशहाल जिंदगी ज्यादा दिनों तक नहीं रह पाई। 23 जून 1980 को एक विमान हादसे में संजय गांधी की मौत हो गई।


उन्होंने 1980 में लड़के जो जन्म दिया जिसका नाम वरुण रखा गया। जब संजय गांधी की विमान हादसे में मौत हो गयी उस वक्त मेनका गांधी केवल 23 साल की थी और उनका बच्चा केवल 3 महीने का था।


संजय गांधी की मौत के कुछ वक्त बाद ही मेनका गांधी परिवार से अलग हो गईं।


अचानक हुई संजय गांधी के मौत के कारण मेनका गांधी को 1982 में राजनीती में आना पड़ा। उसके दुसरे ही साल कांग्रेस की हार के कारण उन्होंने ख़ुद की पार्टी की स्थापना की। और उसे नाम दिया “संजय विचार मंच”।


इस पार्टी का मुख्य उद्देश था रोजगार देना और युवा को सक्षम बनाना। इस पार्टी ने आंध्र प्रदेश से चुनाव लड़ा और चार सीटे हासिल की। 1988 मेनका गांधी की पार्टी जनता दल में शामिल हो गयी।


मेनका गांधी को इस पार्टी की महासचिव बनाया गया था। इस पार्टी ने पहला चुनाव 1989 में जीता था। उस वक्त मेनका गांधी 1989 से 1991 तक पर्यावरण मंत्री बनी थी। उस समय उन्होंने प्राणियों के कल्याण के लिए कुछ कानून बनाए थे और साथ में ऐतिहासिक स्मारकों की रक्षा हेतु भी कुछ कानून बनाए थे।



1996 में उन्होंने पीलीभीत से चुनाव लड़ा और उसमे उन्हें जीत भी मिली। मेनका गांधी 1998 के चुनाव में भी जीत गयी थी।


1999 में उन्होंने बीजेपी का साथ दिया और उन्हें सामाजिक न्याय एवं सक्षमीकरण का मंत्री बना दिया गया। उस समय उन्होंने बहुत सारी सुधारना की जिसमे उनका प्रोजेक्ट ओएएसआईएस भी था। इस प्रोजेक्ट का परिणाम ये रहा की 2004 से नयी पेंशन निति अपनाई गयी (एनपीएस)।


देश के लिए हमेशा वो अपने काम पे ज्यादा ध्यान देती है और इसीलिए वो लोगों के कल्याण के लिए कार्य करती रहती है। जैसे की बच्चे को गोद में लेने के कानून में सुधारना करना और उन्हें लोगों के लिए आसान बनाना। जो बच्चे फूटपाथ पे रहते है उनके लिए हेल्पलाइन तयार करना।


मेनका गांधी 2004 में बीजेपी में शामिल हो गयी। उन्होंने फिर से एक बार पीलीभीत से चुनाव लडे और वो जीत भी गयी। वो सब उनके काम का नतीजा था की वहा के लोगों ने उन्हें फिर जीता दिया।


क्यु की उन्होंने वहापर लोगों के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया था। 2009 में उनके लड़के वरुण ने पीलीभीत से चुनाव लडे और जीत भी दर्ज की और मेनका गांधी ने ओनला से सीट जीती।


मेनका गांधी को मिले हुए कुछ पुरस्कार
सुप्रीम मास्टर चिंग है इंटरनेशनल एसोसिएशन की तरफ़ से शाइनिंग वर्ल्ड कम्पैशन अवार्ड जिसके साथ 20,000 डॉलर का चेक था।
महिला सक्षमीकरण और बालकल्याण के कार्य के लिए ह्यूमन एचीवर अवार्ड।
रुक्मिणी देवी अरुन्दले एनिमल वेलफेयर अवार्ड
1992 में आरएसपीसीए की तरफ़ से लार्ड एर्स्किने अवार्ड
1994 का वर्ष का पर्यावरण कार्यकर्ता और शाकाहारी पुरस्कार
1996 में प्राणी मित्र पुरस्कार
1996 में पर्यावरण के कार्य के लिए महाराणा मेवार फाउंडेशन अवार्ड
1997 में मार्चिंग एनिमल वेलफेयर एंड सेल्लिंग प्राइज, स्विट्ज़रलैंड
1999 में वेणु मेनोन एनिमल अलायिज फाउंडेशन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
1999 में सत्य, अहिंसा और शाकाहार के कार्य के लिए भगवान महावीर फाउंडेशन अवार्ड
1999 में देवालीबेन चैरिटेबल ट्रस्ट अवार्ड
2001 में इंटरनेशनल विमेंस एसोसिएशन वुमन ऑफ़ द इयर अवार्ड, चेन्नई
2001 में पर्यावरण और प्राणी कल्याण के कार्य के लिए दीनानाथ मंगेशकर आदिशक्ति पुरस्कार
2008 मेंए. एस. जी. जयकर अवार्ड


मेनका गांधी महिला एवं बालविकास की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री है। इसके साथ ही वो प्राणियों के अधिकार की कार्यकर्ता, पर्यावरण की कार्यकर्ता और भारतीय नेता संजय गांधी की पत्नी है। वो चार सरकार के दौरान मंत्री रह चुकी है और उन्होंने शब्द साधन, कानून और प्राणियों के कल्याण पर बहुत सारी किताबे लिखी है।