Manohar Lal Khattar Biography in Hindi

जीवन परिचय
मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई, 1954 में रोहतक के निदाना गांव में हुआ था। साधारण से किसान परिवार से आने वाले खट्टर पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। खट्टर का परिवार 1947 के भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकार रोहतक जिले के निदाना गाँव में बस गया था। खट्टर स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। खट्टर डॉक्टर बनाना चाहते थे, पढ़ाई के इसी शौक के चलते खट्टर अपने परिवार में 10वीं पास करने वाले पहले सदस्य बने। मनोहर लाल खट्टर दसवीं पास करने के बाद दिल्ली में सदर बाज़ार में दुकानदारी करने लगे। साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया।


भाइयों से नहीं मांगी जायदाद


मनोहर लाल खट्टर की गांव बनियाणी में लगभग अढ़ाई एकड़ जमीन व एक पुस्तैनी घर है। मनोहर के भाई अलग-अलग जिलों में शैटल हो गए। अब जमीन के बंटवारे का जिक्र आया तो मनोहर ने जमीन लेने से मना करते हुए छोटा भाई गुलशी (गुलशन) को ही समर्पित कर दी। भाइयों से कभी इस तरह की कोई बात मनोहर लाल ने नहीं की।


हेडमास्टर से मुख्यमंत्री


बचपन में दोस्तों के बीच 'हेडमास्टर' नाम से लोकप्रिय खट्टर रोहतक के रहने वाले हैं। उनके दादा भगवान दास खट्टर अपने परिवार के साथ देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से निंदाना आए थे। मनोहर लाल 4 साल के थे तो उनके पिता हरबंस लाल खट्टर रोहतक ज़िले के ही बनियानी गांव में आ गए। निंदाना में उनके दादा और पिता की दुकान थी जबकि बनियानी में उन लोगों ने खेती के लिए जमीन ख़रीदी थी। उनकी प्राइमरी स्कूल की शिक्षा इसी गांव में हुई और पड़ोस के गांव माली आनंदपुर से मैट्रिक किया। क़रीबी दोस्तों के मुताबिक खट्टर स्कूली दिनों में काफ़ी गंभीर स्वभाव के थे, जिसके कारण साथी उन्हें 'हेडमास्टर' कहकर बुलाते थे। खट्टर के भाई चरणजीत के मुताबिक, मनोहर मेडिकल की तैयारी करना चाहते थे लेकिन पिता चाहते थे कि बिजनेस में समय दें। 1974 के आसपास मनोहर भाइयों के साथ दिल्ली के रानी बाग आए और बिजनेस शुरू किया। 1976 में वह आरएएसएस के संपर्क में आए और इमर्जेंसी में संपर्क बढ़ता गया। 1980 में वह संघ से पूर्णकालिक तौर पर जुड़ गए। मनोहर लाल खट्टर पर युवावस्था में परिवार की ओर से शादी के लिए जबर्दस्त दबाव था। परिजन चाहते थे कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रचारक परंपरा को छोड़ घर बसा लें, लेकिन खट्टर ने विवाह नहीं किया। खट्टर को 1994 में हरियाणा बीजेपी में प्रदेश संगठन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1996 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। इस चुनाव की रणनीति बनाने में खट्टर की बड़ी भूमिका रही थी। 2002 में पार्टी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर का प्रभारी बनाया। लोकसभा चुनाव में खट्टर को हरियाणा में चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। 60 साल के खट्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबियों में शुमार हैं।


विवाद


उन्होंने एक बार गोमांस के मुद्दे पर टिप्पणी की थी जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना हुई थी, उन्होंने लिखा था कि: “मुसलमान भारत में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें गोमांस खाना बंद करना होगा”। इस बयान के बाद भाजपा पार्टी ने तत्काल कहा कि 'पार्टी के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है और यह उनका व्यक्तिगत विचार है।' अपने बयान के 24 घंटों के भीतर उन्होंने अपना बयान बदल लिया, और उन्होंने कहा कि मैं लोगों की भावनाओं को चोट नहीं पहुंचना चाहता और मैं इसके लिए माफी चाहता हूं।'


रोचक जानकारियाँ


वर्ष 1947 भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान के झांग जिले से स्थानांतरित होकर हरियाणा में आ गया।


जब वह दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई किया करते थे तो वह सदर बाजार के पास एक कपड़ों की दुकान चलाते थे।


वर्ष 1994 में भाजपा के सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश करने से पहले, वह 1977 में आरएसएस में शामिल हुऐ थे, और वर्ष 1980 में एक प्रचारक के रूप में कार्य किया करते थे।


26 अक्टूबर 2014 को उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की, और वह भारतीय जनता पार्टी कि तरफ से हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री बने।


उन्होंने एक बार गोमांस के मुद्दे पर टिप्पणी की थी जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना हुई थी


राजनीतिक यात्रा • वर्ष 2000-2014 तक भाजपा के लिए हरियाणा के सांगठन महासचिव रहे।
• वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में उन्हें हरियाणा चुनाव अभियान के लिए भाजपा अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
• वर्ष 2014 में पहली बार उन्होंने चुनाव लड़ा था, और उसी वर्ष विधानसभा चुनावों में करनाल निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की।
• 26 अक्टूबर 2014 को उन्हें हरियाणा राज्य के 10 वें मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया।