Manoj Sinha Biography in Hindi

मनोज सिन्हा का जन्म 1 जुलाई सन 1959 में उत्तरप्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले के मोहनपुरा नामक स्थान पर हुआ. ये ब्राम्हण जाती के भूमिहार वर्ग से ताल्लुक़ रखते हैं. इनकी माता का नाम श्रीमती वृन्दवासिनी देवी और इनके पिता का नाम बिरेन्द्र कुमार सिन्हा था. इन्होने यहाँ रहते हुए अपनी पढाई की और कालांतर में बनारस के आइआइटी –बीएचयू से अपना स्नातक बी.टेक से किया. ये सिविल इंजिनियर के छात्र थे. इसके बाद यहीं से इन्होने ऍम.टेक. की डिग्री भी हासिल की. सक्रिय राजनीति में आने से पहले ये जनरल कौंसिल, स्कूल ऑफ़ प्लानिंग सन 1999 -2000 में सदस्य थे. इसके अलावा ये ऊर्जा पर आधारित और सरकारी विश्वसनीयता पर आधारित कमिटी में भी सदस्य रहे.



मनोज सिन्हा का व्यक्तिगत जीवन


बचपन खेत- खलिहान के बीच में गुजरने की वजह से ये अपने ह्रदय से एक किसान है. इस वजह से सिन्हा का झुकाव सदा पिछड़े गाँव की तरफ रहा. ये सदा ऎसी जगहों पर जाते और वहाँ के लोगों से उनकी समस्याओं को जानने में लगे रहते. ये ह्रदय से एक पर्यटक भी हैं. भ्रमण में रूचि होने की वजह से अक्सर ये अलग- अलग जगहों पर जाया करते हैं. न सिर्फ घूमने के लिए बल्कि नयी जगहों पर जाकर वजह की परेशानियों को और राजनैतिक गतिविधियों को भी समझने में लगे रहते हैं. इनका विवाह 8 मई 1977 ई में नीलम सिन्हा से हुआ. इनकी पत्नी बिहार के नालंदा ज़िले में आने वाले बिहार शरीफ़ की रहने वाली हैं. संतानों में इनका एक बेटा और एक बेटी है.



मनोज सिन्हा का राजनैतिक करियर


अपने छात्र जीवन से राजनीति में दिलचस्पी लेने वाले मनोज सिन्हा के सक्रीय राजनैतिक कैरियर की शुरुआत तब हुई, जब वे सन 1982 में आइआइटी – बीएचयु के छात्र संघ का चुनाव जीतकर वहाँ के अध्यक्ष बने. इसके बाद उन्हें अपने राजनैतिक सफ़र में पीछे मुड़ कर नहीं देखना पडा. सन 1996 में वे पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य बने इसके बाद पुनः 1999 में उन्होंने इसी जगह से फिर चुनाव जीता. सन 1989 से सन 1996 के बीच वे तात्कालिक सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के नेशनल कौंसिल के सदस्य भी बने. कई लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी घरेलु ज़मीन ग़ाज़ीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. ये इनका तीसरी बार लोकसभा सांसद बनना हुआ. मनोज सिन्हा को भारत की तेरहवीं लोकसभा से अब तक बहुत अच्छा काम करते पाया गया है. उन्होंने लोकसभा में कई ऐसे सवाल उठाये जो आम ज़िन्दगी से जुड़े थे. लोकसभा में उनकी इस तरह की सक्रीय गतिविधियों को देखते हुए सभी ने उनकी खूब प्रशंसा की.


भारत के सोलहवें लोकसभा में भारत की तत्कालिक सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद मनोज सिन्हा, भारत के तात्कालिक राजनीति में एक बहुत बड़े नाम हैं. इनकी उम्र 57 वर्ष की है और ये ग़ाज़ीपुर से लोकसभा सांसद हैं. आईआईटी- बीएचयू के भूतपूर्व छात्र रह चुके मनोज सिन्हा तात्कालिक समय में भारत सरकार के संचार विभाग और रेल- राज्य विभाग में स्वतंत्र प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं. सक्रीय राजनीति में आने से पहले ये एक जनरल कौंसिल के सदस्य थे. भारतीय राजनीति में ये अपना नाम एक कुशल नेता के रूप में दर्ज कराने में सफ़ल हुए हैं. फिलहाल उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए इसका नाम सामने आ रहा है.



मनोज सिन्हा का सम्मान


किसी नेता के लिए सबसे बड़ा अवार्ड उसे ईमानदार कहलाना होता है. तात्कालिक समय में भारत के लीडिंग मैगज़ीन में एक इंडिया टुडे ने मनोज सिन्हा को लोकसभा के साथ सबसे अधिक ईमानदार सदस्यों में सम्मिलित किया है. इस मैगज़ीन के अनुसार मनोज सिन्हा जैसे कुछ ही नेता हैं, जिन्होंने एमपी के फंड में आने वाले पैसों का अधिक से अधिक इस्तेमाल आम लोगों के लिए किया है.



छात्र नेता का बैकग्राउंड
मनोज सिन्हा संचार मंत्री, रेल राज्य मंत्री के साथ-साथ एक सिविल इंजिनियर भी हैं. सिन्हा आईआईटी बीएचयू के छात्र रहे हैं. बीएचयू में छात्र नेता के तौर पर वे काफी सक्रिय रहे.



  1. मोदी से करीबी
    रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. पीएम मोदी और मनोज सिन्हा के बीच आरएसएस के दिनों से ही अच्छे संबंध हैं. जब मोदी प्रचारक थे तब मनोज सिन्हा के गांव आते थे. पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब वह मनोज सिन्हा का प्रचार करने गाजीपुर जाया करते थे.

  2. साफ सुथरी छवि
    आईआईटी बीएचयू से पढ़े मनोज सिन्हा की छवि काफी साफ सुथरी है. मनोज सिन्हा राजनीति में सक्रिय रहे और सिन्हा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी थे और साल 1996 में सिन्हा पहली बार सांसद बने थे. विवादों से अक्सर दूर रहने वाले मनोज सिन्हा मोदी सरकार में अहम रोल निभा रहे हैं.

  3. मनोज सिन्हा के काम से मोदी खुश
    प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में पिछली मुलाकात में सिन्हा के काम और रेल मंत्री के रूप में काफी सराहना की थी और कहा था कि मनोज सिन्हा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश विशेषकर वाराणसी के विकास के लिए बढ़िया काम किया है.

  4. सरल स्वभाव
    मनोज सिन्हा लोकसभा में तीन बार भाजपा सांसद रहे हैं वह लोअर हाउस में गाजीपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं. मनोज सिन्हा भूमिहार जाति से हैं. मनोज सिन्हा अपने सरल स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं.