Raj Kumar Singh Biography in Hindi

राजकुमार सिंह कैबिनेट में नए चेहरे हैं. बिहार काडर के 1975 बैच के आईएएस अफसर. यूपीए राज में होम सेक्रेट्री रहे हैं. 30 अक्टूबर 1990 को आडवाणी को बतौर समस्तीपुर डीएम गिरफ्तार किया. समस्तीपुर के अलावा वह ईस्ट चंपारण और पटना के भी डीएम रहे. नीतीश सरकार के समय रोड कंस्ट्रक्शन विभाग के प्रधान सचिव थे. अहम रोल निभाया ब्रैंड नीतीश को चमकाने में.


आडवाणी को किया था गिरफ्तार
राजकुमार ने साल 1990 में सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा पर निकले लालकृष्ण आडवाणी का रथ बिहार के समस्तीपुर में रोक लिया था. आर के सिंह उस समय समस्तीपुर के जिलाधिकारी थे. 1975 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी आर के सिंह जून 2011 में केंद्रीय गृह सचिव बने थे और दो साल बाद जून 2013 में रिटायर हुए. साल 1990 में रथयात्रा के दौरान लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.



शिंदे से नहीं बनी
आडवाणी के गृहमंत्री रहते हुए 1999 से 2004 तक ज्वॉइंट सेक्रेट्री रहे होम मिनिस्ट्री में. 30 जून 2011 से 30 जून 2013 तक गृह सचिव रहे. इस दौरान दो गृहमंत्री रहे, पी चिंदबरम और सुशील कुमार शिंदे. चिदंबरम से बनी, मगर शिंदे से नहीं. दिल्ली गैंगरेप 16 दिसंबर 2012 इन्हीं के टाइम हुआ. इसकी हैंडलिंग से शिंदे नाराज थे. आरके सिंह ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में शिंदे की तरफ संकेत किया. कहा कि मंत्री ने दखल दिया जांच में. शाहिद बलवा से मुलाकात की बात कही. जो 2जी घोटाले का एक अभियुक्त था. बतौर डिफेंस प्रॉडक्शन सेक्रेट्री चेकोस्लोवाकिया की कंपनी टेट्रा की तरफ से की गई धांधली पर सवालिया निशान खड़े किए थे.



जेडीयू सरकार को बताया भ्रष्ट
नीतीश ने चैंबर तक तैयार करवा दिया था, मगर सिंह ने बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद कहा कि जेडीयू सरकार भ्रष्ट हो चुकी है. राज्य में आतंकवादियों की स्लीपर सेल बन चुकी हैं, हम एलर्ट भेजते थे, मगर राज्य सरकार कुछ नहीं करती थी.


सिंह ने आरा में जेडीयू की सिटिंग एमपी मीना सिंह को हराया. आरा के गाजीपुर की पत्नी हैं जबकि बेटी पावाना के मूल निवासी लड़के से ब्याही हैं. नीतीश ने रिटायरमेंट के बाद एडवाइजर इन्फ्रास्ट्रक्चर की पोस्ट ऑफर की. मगर सिंह ने इनकार कर दिया. अपनी क्लीन इमेज की वजह से होम सेक्रेट्री बनने से पहले एके एंटनी के मंत्रालय डिफेंस में डिफेंस प्रोडक्शन के मुखिया रहे. 13 दिसंबर 2013 को बीजेपी ज्वॉइन की.
मोदी सुपौल या आरा से चुनाव लड़वाना चाहते थे. सुपौल आरके सिंह का गृह जनपद है. आरएसएस ने विरोध किया. आरा से लड़े और 1 लाख 35 हजार वोट से जीते. शाहनवाज हुसैन ने कन्विंस किया. जो खुद भी सुपौल के रहने वाले हैं. मोदी की रैली के बाद चुनावी संभावनाएं मजबूत हुई थीं.


सलमान खुर्शीद के साथ हुई जूतमपैजार
आरा से इससे पहले बलिराम भगत सांसद रहे, जो लोकसभा के स्पीकर भी बने. इसके अलावा रामलखन सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद वर्मा भी मंत्री रहे केंद्र में. शाहिद बलवा से शिंदे नॉर्थ ब्लॉक के ऑफिस में मिले. उसके पहले आरके सिंह जो रिटायर हो चुके थे, इल्ज़ाम लगा चुके थे. जिस पर सफाई में शिंदे ने इसे राजनीति प्रेरित बताया था. इटैलियन मरीन केस में सलमान खुर्शीद के साथ बातों की जूतमपैजार हुई. दोनों स्टीफंस में क्लासमेट थे. एक दूसरे की आईक्यू तक पर सवाल उठे. 2004 में हुए इशरतजहां एनकाउंटर में कहा कि कांग्रेस के इशारे पर डिपोजीशन दूसरी बार बदला गया.



आर के सिंह बिहार के सुपौल जिले के मूल निवासी हैं। वह 1997 में राज्य गृह विभाग में शामिल होने से पहले 1980 के दशक में पूर्वी चंपारण और पटना में जिला मजिस्ट्रेट थे। नीतीश कुमार सरकार के 2004 से अक्टूबर 2009 तक, सड़क निर्माण विभाग के मुख्य सचिव के रूप में सिंह ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बिहार में सड़कों की स्थिति में सुधार किया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की अगुवाई वाली सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री आडवाणी ने 1999 से 2004 तक गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य करने के लिए सिंह का चयन किया।


राजनीतिक घटनाक्रम
2017 वह केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और ऊर्जा मंत्रालय और नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय थे।
2016 वह कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति के सदस्य थे।
2015 वह संसद भवन परिसर में सुरक्षा पर जोनीट कमेटी के सदस्य थे।
2015 वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) स्थायी समिति के सदस्य थे।
2015 वह चीन के संसदीय मित्रता समूह के सदस्य थे।