ओबीसी आरक्षण में उलझा MP PSC का रिजल्ट; 12 जनवरी को हुई थी परीक्षा; अभी तक नहीं आया परिणाम

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MP PSC) की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट अब पूर्व घोषित शेड्यूल के मुताबिक 31 जनवरी को जारी नहीं हो सकेगा। ओबीसी आरक्षण पर जारी कानूनी विवाद के चलते आयोग ने रिजल्ट रोक दिया है। अब जब तक ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के मामले में हाई कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं हो जाता, रिजल्ट जारी होने के आसार नहीं हैं।



राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 इसी माह 12 जनवरी को हुई थी। एमपी पीएससी ने 15 जनवरी को परीक्षा की प्रावधिक (मॉडल) उत्तर कुंजी जारी की थी। इसमें दिए प्रश्न-उत्तरों पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 23 जनवरी तक का समय दिया गया था। आपत्तियों के निराकरण के बाद एमपी पीएससी को फाइनल आंसरशीट जारी करनी थी। इसी के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाता।


फाइनल आंसरशीट तक नहीं की जारी


एमपी पीएससी ने यह सारी प्रक्रिया पूरी कर 31 जनवरी तक रिजल्ट जारी करने की संभावना जताई थी। रिजल्ट तो दूर एमपी पीएससी ने अब तक फाइनल आंसरशीट तक जारी नहीं की है। इसी सप्ताह राज्यसेवा में घोषित 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए ओबीसी आरक्षण के नए फॉर्मूले पर रोक लगा दी है।


 


ऐसे में संशय पैदा हो गया है कि पुराने फॉर्मूले के हिसाब से ओबीसी को सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण ही दिया जाए। स्थिति को देखते हुए एमपी पीएससी ने आरक्षण पर कोर्ट का अंतिम निर्णय नहीं होने तक नतीजे घोषित नहीं करने का निर्णय लिया है। दरअसल, आरक्षण में यदि परिवर्तन होता है तो एमपी पीएससी को सीटों का वितरण पूरी तरह से बदलना होगा।


पद बढ़ने की बात गलत


उधर, राज्यसेवा में 90 पदों को बढ़ाने की खबरों ने दो दिन से उम्मीदवारों को भ्रमित कर दिया है। असल में एमपी पीएससी ने राज्यसेवा के पदों की कुल संख्या में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया है। दो दिन पहले 90 पदों को लेकर संशोधन की अधिसूचना जारी की है। इसके जरिये नए पद शामिल नहीं किए गए हैं बल्कि ये पद विज्ञापन में पहले से घोषित थे। अनारक्षित श्रेणी में 10 पद ज्यादा दिखा दिए गए थे। अब संशोधन की अधिसूचना जारी कर इन 10 पदों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी में रखकर त्रुटि सुधार किया गया है। इस बीच अधिसूचना का मतलब नहीं समझ सके लोगों ने पद बढ़ने की बात प्रसारित कर दी। यह भी कह दिया गया कि पदों की संख्या 630 हो गई है। असल में अब भी राज्यसेवा में कुल 540 पद ही हैं।