साउथ अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी फिलेंडर ने लिया संन्यास, मगर नहीं याद नहीं रखना चाहेंगे आखिरी मैच

नई दिल्ली. साउथ अफ्रीका (South Africa) के अनुभवी खिलाड़ी वर्नोन फिलेंडर (Vernon Philander) के इंग्लैंड से  टेस्ट मैच में मिली हार के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है.  2011 में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था और इस दौरान उन्हाेंने 64 टेस्ट मैच खेले.
हालांकि फिलेंडर के लिए उनके करियर का आखिरी मैच लकी साबित नहीं हुआ. जहां उनके करियर के आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका (South Africa) को करारी शिकस्त मिली और इंग्लैंड से सीरीज हार गई. वहीं पूरी टीम पर धीमी ओवर गति के लिए आईसीसी (ICC) ने जुर्माना लगाने के साथ ही आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के अंक भी काट दिए हैं, जिस वजह से फिलेंडर अपने आखिरी मैच को याद नहीं रखना चाहेंगे.



64 इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट के करियर में फिलेंडर ने 224 विकेट लिए हैं, जिसमें से वह कुल 13 बार पांच विकेट के क्लब में शामिल हुए. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 1779 रन भी बनाए. वहीं 30 वनडे मैचों में उन्होंने 151 रन बनाने के अलावा 41 विकेट लिए हैं. 2007 में वनडे क्रिकेट से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले फिलेंडर ने साउथ  अफ्रीका की ओर से सात टी20 मैच भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने चार विकेट लिए हैं. वहीं 168 फर्स्ट क्‍ लास मैचों में उन्होंने 4941 रन बनाने के अलावा 580 विकेट लिए हैं. फिलेंडर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 24 बार पांच विकेट के क्लब में और दो बार 10 विकेट के क्लब में शामिल हुए हैं.


करियर के आखिरी मैच में हुए चोटिलइंग्लैंड (England) के खिलाफ सीरीज का आगाज होने से पहले ही फिलेंडर ने कह दिया था कि यह उनके करियर की आखिरी सीरीज होगी. मगर अपने करियर के आखिरी मैच में ही वें चोटिल हो गए. मैच की दूसरी पारी में वह सिर्फ 1.3 ओवर ही फेंक पाए और दूसरे ओवर के दौरान चोट के कारण उन्हें मजबूरन मैदान से बाहर जाना पड़ा.


आखिरी मैच में मिली सजा 
वर्नोन फिलेंडर  (Vernon Philander) को अपने करियर के आखिरी मैच में एक ओर सजा मिली थी. दरअसल इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के दूसरे दिन जोस बटलर के आउट होने पर फिलेंडर ने उन्हें अपशब्द कहे थे, जिसके बाद उन पर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया. आईसीसी ने  (ICC) फिलेंडर को लेवल एक का दोषी पाया था. फिलेंडर ने साउथ अफ्रीका के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले सातवें खिलाड़ी के रूप में अपने करियर का अंत किया.