Vasant Panchami 2020: पढ़िए वसंत पंचमी की कहानी, ऐसा हुआ था मां सरस्वती का जन्म

Vasant Panchami 2020: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष को Vasant Panchami मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 29 जनवरी, बुधवार को पड़ रही है। इस दिन से वसंत ऋतु का आरंभ माना जाता है। Vasant Panchami को शुभ दिन माना जाता है और किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत बिना किसी मुहूर्त की जा सकती है। Vasant Panchami के दिन सरस्तवती पूजन का भी महत्व है। अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन खूब शादियां होती हैं। Vasant Panchami पर पीले वस्त्र पहनने, हल्दी से सरस्वती का पूजन करने भी विधान है। पीला रंग इस बात का संकेत है कि फसल पकने वाली हैं। पीला रंग समृद्धि का सूचक भी कहा गया है। मां शारदा के मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।



ऐसे हुआ था मां सरस्वती का जन्म


हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु की आज्ञा से इसी दिन ब्रह्मा जी ने मनुष्य योनि की रचना की थी, लेकिन शुरू में इन्सान बोलना नहीं जानता था। धरती पर सब शांत और निरस था। ब्रह्माजी ने जब धरती को इस स्थिति में देखा तो अपने कमंडल से जल छिड़कर एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री को प्रकट किया। इसके हाथ में वीणा थी। यह शक्ति को ज्ञान की देवी मां सरस्वती कहा गया। मां सरस्वती ने जब अपनी वीणा का तार छेड़ा तो तीनों लोकों में कंपन हो गया और सबको शब्द तथा वाणी मिल गई। यही कारण है कि इस दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का पूजन करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।


वसंत पंचमी के दिन पवित्र नदियों में स्नान का महत्व भी बताया गया है। यह त्योहार सम्पूर्ण भारत के साथ ही पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल में बड़े उल्लास से मनाया जाता है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र धारण करती हैं।