डूबी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, महंगाई ने तोड़ा 12 साल का रिकॉर्ड

 




पाकिस्तान की रसातल में पहुंच चुकी अर्थव्यवस्था के बाद वहां बेकाबू महंगाई ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. जनवरी में महंगाई ने बीते 12 साल का रिकार्ड तोड़ दिया जब इसकी दर बढ़कर 14.6 फीसदी हो गई. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई की इतनी ऊंची दर देश में इससे पहले 2007-08 के साल में दर्ज की गई थी जब यह 17 फीसदी तक जा पहुंची थी.





 











पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी. इसमें बताया गया है कि दिसंबर 2019 में महंगाई की दर 12.6 फीसदी थी. पीबीएस के आंकड़े से स्पष्ट हुआ है खाने की चीजों के दाम में बेतहाशा वृद्धि के कारण महंगाई और बढ़ी है. खासकर, गेहूं आटा, दालें, चीनी, गुड़ और खाद्य तेल के दाम में बढ़ोतरी ने महंगाई के ग्राफ को और ऊपर कर दिया है.





 



 

पीबीएस ने इस चौंकाने वाले तथ्य का भी खुलासा किया है कि रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजें, विशेषकर फल और सब्जियां शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में अधिक महंगी हैं. इसी तरह ग्रामीण इलाकों में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत भी साल 2013 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची हुई है.



 


 


आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में शहरी इलाकों में खाने की चीजें सालाना आधार पर 19.5 फीसदी और महंगी हुई हैं जबकि ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 23.8 फीसदी का है. पीबीएस ने शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में अधिक महंगाई को एक 'अभूतपूर्व परिघटना' करार दिया है.



 


पीबीएस ने बताया है कि बीते एक साल में देश में टमाटर 158 फीसदी, प्याज 125 फीसदी, ताजा सब्जियां 93 फीसदी, आलू 87 फीसदी, चीनी 86 फीसदी और आटा 24 फीसदी महंगा हुआ है.