तेहरान की राड को लेकर चरम पर पहुंच सकता है US से रार, भारत की पहुंच से कितनी दूर है ईरानी मिसाइलेंं

ईरान की नई मिसाइल को लेकर मध्‍य एशिया में तनाव चरम पर पहुंच सकता है। रविवार को ईरान ने अपनी जफर सैटेलाइट की विफलता के साथ एक नई मिसाइल को दुनिया के सामने सार्वजनिक कर दिया। हालांकि, अमेरिका ने शुरू में ही ईरान की जफर सैटेलाइट के प्रक्षेपण का विरोध किया था। उसने कहा था कि ईरान जफर के बहाने कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर रहा है। उसका अनुमान सही निकला। इस ईरानी मिसाइल से मध्‍य एशिया में तनाव और बढ़ सकता है। आइए जानते हैं ईरान के मिसाइल कार्यक्रम के बारे में और उसके पीछे मध्‍य एशिया में अमेरिका की दो प्रमुख चिंताएं क्‍या है। ऐसा दावा किया जाता है कि ईरान के पास 2000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइलें हैं। यानि वह 2,000 किलोमीटर दूर से दुश्मन को अपना निशाना बना सकती हैं, जबकि भारत से ईरान की दूरी करीब 3,000 किलोमीटर है। 



मध्‍य एशिया में अमेरिका की दो चिंताएं प्रमुख है। पहली, पूरे मध्‍य एशिया में ईरान के पास मिसाइलें हैं। ईरान की सेना के पास मिसाइल पावर होने से यहां का सा‍मरिक समीकरण गड़बड़ हो रहा है। इसके चलते पूरे क्षेत्र का शक्ति संतुलन बिगड़ गया है। इसके अलावा अमेरिका की दूसरी चिंता यहां सऊदी अरब और इजरायल है। ईरान और सऊदी अरब के तनाव के बीच यह अमेरिकी चिंता और बढ़ जाती है। यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब ईरान की सभी मिसाइलें सऊदी अरब की जद को पार कर जाने में सक्षम है।


 



  • अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्‍य एशियाई देशों में ईरान के पास फ‍िलहाल सबसे अधिक मिसाइलें हैं। उसके पास क्‍लोज रेंज के अलावा कम दूरी तक मार करने वाली और मध्‍यम दूरी तक मार करने वाली  बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। इनकी मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर तक है।

  • इसके साथ ही ईरान लैंड व क्रूज मिसाइल को भी विकसित करने में लगा है। इन मिसाइलों को कम ऊंचाई से दागा जा सकता है। यह दुश्‍मन को कई दिशाओं से प्रहार करने में सक्षम होंगी। 

  • ईरान से सटे दक्षिण समुद्र में उसने कोस्‍टल डिफेंफ क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं जो 300 किलोमीटर की दूरी से दुश्‍मन के सैन्‍य बेड़े को तबाह कर सकती है।

  • ऐसा दावा किया जाता है कि ईरान ने समंदर के भीतर कम से कम पांच हजार बारुदी सुरंग लगाई है। यह सुरंगे दबाव महसूस करने पर सक्रिय हो जाती हैं। छोटी नावों के इस्‍तेमाल के जरिए इन बारुदी सुरंगों को पारस की खाड़ी और होर्मूज जलडमरुमध्‍य में शिफ्ट किया जा सकता है।


 



  •  क्‍या है राड-500 की मारक क्षमता 

  • रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की वेबसाइट में बताया गया कि राड-500 मिसाइल का वजन पूर्व में बनी फतेह-110 मिसाइल से आधा है। फतेह श्रेणी और कम वजन वाली इस मिसाइल का नाम राड-500 (राड का मतलब गरज होता है) है। इसकी मारक क्षमता 500 से 700 किलोमीटर तक है। यह अपने लक्ष्य को बहुत ही सटीकता से भेदने में सक्षम है।

  • ईरान ने फतेह-110 मिसाइल को 2002 में सार्वजनिक किया था। उस मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है। वह जमीन से जमीन पर मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल है। इसके अलावा एक मिसाइल प्रणोदक का भी प्रदर्शन किया गया है, जिसका नाम सलमान है और यह मिसाइल में ठोस ईंधन के जरिए इसे निर्वात में भी काम करने के लिए सक्षम बनाता है।