ना लंच- ना डिनर, लगातार 12 घंटे तक चली लोकसभा की कार्यवाही, ये थी वजह

लोकसभा के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा. ऐसे कम ही मौके होते हैं जब संसद के दोनों सदन में से किसी एक की भी कार्यवाही आधी रात तक चले. गुरुवार को लोकसभा में ऐसा हुआ. सदन की कार्यवाही रात 12 बजे तक और वो भी लगातार 12 घंटे तक चली. इस दौरान ना ही लंच और ना ही डिनर का ब्रेक हुआ. इस ऐतिहासिक काम के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसदों का धन्यवाद किया.



शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि गुरुवार को सदन रात 12 बजे तक चला. स्पीकर ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सदन रात तक चले, ताकि जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो. संसद पर देश की जनता का भरोसा बढ़ना चाहिए. भारतीय रेलवे से जुड़े मामलों पर सदन में चर्चा हुई, जिसमें करीब 90 सदस्यों ने हिस्सा लिया. ये बहस दोपहर 1.15 बजे शुरू हुई. सभी पार्टियों के सांसदों ने रेलवे से जुड़ा मामला उठाया.


इस वर्ष की पहली सबसे लंबी कार्यवाही निचले सदन में 11.57 बजे तक चली. जो सामान्य कार्यवाही से 6 घंटे से ज्यादा रही. संसद के दोनों सदन आमतौर पर प्रत्येक दिन सुबह 11 से शाम 6 बजे तक, सात घंटे काम करते हैं.17वीं लोकसभा का ये तीसरा सत्र है जब निचले सदन ने देर रात तक बैठकर एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया.


इससे पहले गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान स्पीकर ने सांसदों से अपील करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही पिछले दिनों बाधित रही है और ऐसे में शनिवार-रविवार को लंबित पड़ी छह अनुदान मांगों पर चर्चा कराई जाए. स्पीकर ने कहा कि अगर सदन की अनुमति हो तो रविवार और शनिवार के अवकाश को रद्द कर अनुदान मांगों पर चर्चा कराई जा सकती है. इतना कहते ही सभी सांसदों ने एक सुर में नो (नहीं) की आवाज बुलंद कर दी.


इसपर स्पीकर ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का मत जानना चाहा, जिनपर सदन की कार्यवाही और सरकार का कामकाज चलाने का जिम्मा है. मेघवाल ने सांसदों की नो सुनने के बाद कहा कि सदस्यों ने अपना मत जाहिर कर दिया. हालांकि स्पीकर ने सांसदों को हिदायत देते हुए कहा कि अब कोई लंच ब्रेक नहीं होगा, साथ ही गुरुवार और शुक्रवार को देर रात तक अनुदान मांगों पर चर्चा चलेगी.