PSL से पैसा कमाने के चक्कर में कोरोना वायरस के केस छुपा रहा है कर्ज में डूबा पाकिस्तान

इस्लामाबाद. कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया एहतियात के कदम उठा रही है उसी बीच पाकिस्तान एक बार फिर सवालों के घेरे में है. इस तरह की ख़बरें सामने आई हैं कि PSL (पाकिस्तान सुपर लीग) क्रिकेट लीग के मैच कैंसिल न हो जाएं इसके लिए पाकिस्तान कोरोना वायरस के केस छुपा रहा है. WHO ने भी किसी देश का नाम न लेते हुए बुधवार को एक बयान जारी कर कहा था कि कुछ ऐसे देश हैं जो कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की सही जानकारी मुहैया नहीं करा रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान के दो मंत्रियों ने इस बारे में सफाई भी दी है.



दरअलस, कर्ज में डूबे पाकिस्तान को पीएसएल खेलों के आयोजन से बड़ी आमदनी होने की उम्‍मीद है. हालांकि कोरोना वायरस को देखते हुए इस WHO और अन्य कई संस्थाओं ने इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों से परहेज करने की सलाह दी है. अंतरराष्ट्रीय और पाकिस्तानी मीडिया में इसे पाकिस्‍तान का दोहरा रवैया बताया जा रहा ही कि एक तरफ तो उसने कोरोना वायरस के मद्देनजर ईरान, अफगानिस्‍तान के साथ अपनी सरहदें बंद कर दी हैं, वहीं दूसरी ओर वह पैसा कमाने के चक्‍कर में इस तरह के खेलों का आयोजन बेखौफ होकर कर रहा है, जिसमें भारी भीड़ जुटना तय माना जा रहा है.


पाकिस्तान ने दी सफाई
कोरोना वायरस के केसों को छिपाने के आरोप को प्रधान मंत्री इमरान खान (Imran Khan) के विशेष सहायक डॉ. जफर मिर्जा (Dr Zafar Mirza) ने निराधार बताया और कहा कि सरकार द्वारा कोरोनोवायरस के मामलों की कुल संख्या को छिपाने की रिपोर्टें झूठी हैं. उन्‍होंने कहा कि 'सामान्य खांसी या फ्लू के हर छोटे मामले को कोरोनो वायरस के तौर पर देखना गलत है. अगर यही हाल रहा और हर छोटी बीमारी में इसकी आशंका की जाने लगी तो जल्द ही देश में भगदड़ मच जाएगी.'


 मिर्जा ने आगे कहा कि 'पाकिस्तान सरकार ने इस वायरस के संक्रमण को रोने के लिए अहम कदम उठाए हैं. इससे कुछ हद तक महामारी को रोकने में कामयाब भी हुए हैं.' उन्‍होंने आप अपनी पीठ थपथपाते हुए यह भी कहा कि हमें लगता है कि हमारी नीतियों की वजह से ही यह वायरस पाकिस्तान में उस तरह से नहीं फैला है, जिस तरह से अन्य देशों में इसका प्रकोप जारी है. हालांकि हमें सबसे खराब स्थिति के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है और हमें सबसे बेहतर की उम्मीद करनी चाहिए.'गौरतलब है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि फरवरी, 2020 के पहले सप्ताह के बाद से पाकिस्तान में कोरोनोवायरस के 224 संदिग्ध रोगियों में से केवल पांच व्यक्तियों में सांस संबंधी बीमारी का पता लगा है. वहीं जब उनसे चीन में कोरोना वायरस की वजह से फंसे हुए छात्रों के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि 'सरकार लगातार उन छात्रों के संपर्क में है और चीनी सरकार के साथ सहयोग के तौर पर जो भी कर सकती है, वह कर रही है. जहां तक पाकिस्‍तानी छात्रों को वापस लाने की बात है तो इस मामले में अभी समय लगेगा. पाकिस्तान चीनी सरकार के नियमों का सम्मान कर रहा है.'