निर्भया केस: फांसी टालने के लिए पवन के बाद अब अक्षय ने दायर की याचिका

नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप और हत्या केस के दोषी फांसी से बचने के लिए लगातार कानूनी दांव-पेंच का सहारा ले रहे हैं। दोषी अक्षय ठाकुर ने शनिवार को दोबारा से दया याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि पहले की याचिका में सुनवाई के दौरान केस से जुड़े सभी बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे पहले शुक्रवार को दोषी पवन कुमार ने क्यूरेटिव याचिका दायर की थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच 2 मार्च को सुनवाई करेगी। पवन ने अपनी अर्जी में कहा है कि वह घटना के वक्त नाबालिग था। आपको बता दें कि इस मामले में उसकी रिव्यू अर्जी खारिज हो चुकी है।



जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण सुबह 10:25 बजे याचिका की सुनवाई करेंगे। क्यूरेटिव पिटिशन की सुनवाई बंद कमरे में होती है। जज देखते हैं कि पिटिशन में मेरिट है या नहीं। इस मामले में बाकी अन्य तीन दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज किया जा चुका है। ऐसे में माना जा रहा कोर्ट इसे भी खारिज कर सकता है।


3 मार्च को होनी है सभी दोषियों की फांसी
तीन अन्य दोषियों के साथ पवन कुमार के खिलाफ 3 मार्च के लिए डेथ वॉरंट जारी किया गया है। पवन कुमार के वकील ए.पी. सिंह ने कहा कि अपराध के समय वह किशोर था और मौत की सजा उसे नहीं दी जानी चाहिए। सिंह ने निचली अदालत द्वारा जारी डेथ वॉरंट के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की। पवन कुमार एक मात्र दोषी है, जिसे अभी सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करना है। इसमें एक क्यूरेटिव याचिका और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करना शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मुख्य तर्क यह है कि अपराध के समय पवन एक संगीत कार्यक्रम में थे।’ इससे पहले मुकेश व विनय ने राष्ट्रपति के दया याचिका को खारिज करने के फैसले को अलग-अलग चुनौती दी थी, जिसे शीर्ष कोर्ट खारिज कर चुका है। अक्षय को भी दया याचिका के खारिज करने को चुनौती देना बाकी है।


दोषियों की शारीरिक, मानसिक दशा जानने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका
उधर, निर्भया मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति जानने के लिए एनएचआरसी को निर्देश देने की मांग को लेकर शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।