सरकार बचाने के लिए कमलनाथ करेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार?

मध्यप्रदेश में पिछले पांच-छह दिनों से चल रहे सियासी घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बाद कभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पलड़ा भार दिखता है, तो कभी कमलनाथ सरकार का। कांग्रेस ने जहां एक ओर अपने दिल्ली लाए गए विधायकों को अपने खेमे में वापस लेने के साथ ही पार्टी बीजेपी में सेंधमारी करती दिख रही है। बीजेपी के विधायक शरद कौल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की है, जिसके बाद मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। वहीं, विधायक त्रिपाठी ने इस्तीफा देने से अभी इंकार किया है। माना जा रहा है कि यह विधायक आज (शुक्रवार को) कांग्रेस में शामिल होंगे। 



कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बजट सत्र के बाद कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस के सीनियर नेता केपी सिंह, आदिवासी नेता बिसाहूलाल सिंह और सुमावली के विधायक ऐदल सिंह कंसाना को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। ये दिग्विजय सरकार में भी मंत्रिमंडल में रहे थे। बीएसपी और निर्दलीय विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश कैबिनेट में अभी पांच मंत्री पद खाली पड़े हैं।


कमलनाथ से देर रात मिले बीजेपी विधायक


बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। इस दौरान उनके त्यागपत्र की भी खबर उड़ गई, हालांकि मुलाकात के बाद गुरुवार रात लगभग 12 बजे मुख्यमंत्री निवास के बाहर त्रिपाठी ने मीडिया से त्यागपत्र से इंकार किया और दावा किया कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र मैहर के 'विकास' के संबंध में मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। त्रिपाठी के साथ ही बीजेपी के एक अन्य विधायक के मुख्यमंत्री निवास पहुंचने की खबरें भी आईं। डंग के इस्तीफे के बाद दो बीजेपी विधायकों के मुख्यमंत्री निवास पहुंचने के घटनाक्रम को नहले पर दहले के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन मध्य रात्रि में साफ हुआ कि किसी भी बीजेपी विधायक का त्यागपत्र नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि इस दौरान ताजा राजनैतिक हालातों पर मंथन हुआ और भविष्य की सत्तारूढ़ दल की रणनीति भी तय की गई।


दिल्ली से भोपाल पहुंचे दिग्विजय सिंह
राजनैतिक घटनाक्रमों के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी शुक्रवार को दिल्ली से भोपाल पहुंच रहे हैं। उनके कार्यालय की ओर से गुरुवार रात ही बताया गया कि दिग्विजय का शुक्रवार का उत्तरी अंचल और ओरछा का दौरा निरस्त कर दिया गया है और वे भोपाल में ही रहेंगे। वहीं मुख्यमंत्री राजधानी में हैं और शाम को उनका ओरछा जाने का कार्यक्रम है।


बीजेपी के सभी नेता दिल्ली में मौजूद
दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेताओं के दिल्ली में ही रहने की खबरें हैं। माना जा रहा है कि कथित 'ऑपरेशन लोटस' दिल्ली से ही संचालित हो रहा है। कांग्रेस के 'लापता' विधायक बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग और रघुराज कंसाना तथा निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं। वहीं बुधवार को राजधानी दिल्ली से लौटे छह विधायकों में से तीन विधायक बसपा के संजीव कुशवाह और रामबाई तथा सपा विधायक राजेश कुमार शुक्ला के सुर बगावती ही नजर आए। हालांकि इन विधायकों ने इस बात से इंकार किया कि उन्हें बंधक बनाया गया था या कोई प्रलोभन दिया गया। बुधवार को लौटे तीन अन्य विधायकों में ऐदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव और कमलेश लाटव शामिल हैं। 


डंग ने ईमेल से भेजा इस्तीफा
इन छह विधायकों के लौटने के बाद बुधवार को सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के रणनीतिकारों ने थोड़ी राहत की सांस ली थी, लेकिन गुरुवार देर शाम सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक डंग के त्यागपत्र के बाद राजनैतिक पारा एक बार फिर बढ़ गया। डंग 'अज्ञात' स्थान पर हैं और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को विधायक पद से त्यागपत्र ईमेल के माध्यम से भेजा है। पहले इस त्यागपत्र को फर्जी भी बताया गया, लेकिन इसका घंटों बीत जाने के बावजूद डंग की ओर से खंडन नहीं किया गया। वहीं विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि डंग के त्यागपत्र की खबर आई हैं, लेकिन उन्होंने उनसे मिलकर त्यागपत्र नहीं दिया है। प्रजापति ने कहा कि जब ऐसा होगा, वे इस पर विचार करके अगला कदम उठाएंगे। वहीं डंग के त्यागपत्र के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने तत्काल अपना बयान जारी कर मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि डंग का त्यागपत्र क्यों आया है। इस बारे में उन्हें स्पष्ट करना चाहिए।